उद्योग मंडल फिक्की की इलेक्ट्रिक वाहन समिति की चेयरपर्सन सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने मंगलवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए बैटरी और चार्जिंग सेवाओं पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को कम करने की जरूरत है। उन्होंने यहां ईवी पर फिक्की के राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर बिजली चालित वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ई-ड्राइव कोष को बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया। मोटवानी ने कहा, हम ईवी से संबंधित क्षेत्रों पर जीएसटी कराधान को युक्तिसंगत बनाने के लिए जीएसटी परिषद से सिफारिश करेंगे।’ उन्होंने मांगों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, फिलहाल चार्जिंग सेवाओं पर जीएसटी 18 प्रतिशत है, हम इसे घटाकर पांच प्रतिशत करने का अनुरोध करेंगे, ताकि उपभोक्ताओं के लिए चार्जिंग अधिक किफायती हो जाए। Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry’s (FICCI) Electric Vehicle Committee Chair Sulajja Firodia Motwani reiterated the industry demand for a reduction in Goods and Services Tax (GST) rates on electric vehicle (EV) batteries and charging services from 18% to 5%.
फिरोदिया मोटवानी ने कहा कि दूसरी बात यह है कि बैटरी पर भी जीएसटी दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए। मोटवानी काइनेटिक ग्रीन एनर्जी एंड पावर सॉल्यूशंस की संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) भी हैं। उन्होंने कहा, ईवी पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि बैटरी पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। इसलिए अनुरोध है कि इसे घटाकर पांच प्रतिशत किया जाए, ताकि जब उपभोक्ता बैटरी बदले तो यह अधिक किफायती हो। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर इन दो सुधारों से ईवी को उपभोक्ताओं के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में बहुत मदद मिलेगी।
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फिरोदिया मोटवानी, फिक्की ने की मांग, बैटरी, चार्जिंग सेवाओं पर जीएसटी दर कम करें ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखा जा सके
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