23 November 2024
व्रत त्यौहार

Pradosh Vrat 2024: भादों में सोम-प्रदोष व्रत पर बन रहा है सुकर्मा योग, पंडित गिरीश व्यास से जानिए शुभ मुहूर्त


भाद्रपद माह का दूसरा प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोम-प्रदोष व्रत कहा जाएगा। मान्यता है कि प्रदोष का व्रत करने से संतान, विवाह, सुख-संपत्ति सहित सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इंदौर के ज्योतिषाचार्य गिरीश व्यास ने इस दिन के मुहूर्त और पूजा की विधि के बारे में बताया है।

By Shashank Shekhar Bajpai

Edited By: Shashank Shekhar Bajpai

Publish Date: Fri, 06 Sep 2024 04:16:18 PM (IST)

Updated Date: Fri, 06 Sep 2024 04:27:54 PM (IST)

Pradosh Vrat 2024: भादों में सोम-प्रदोष व्रत पर बन रहा है सुकर्मा योग, पंडित गिरीश व्यास से जानिए शुभ मुहूर्त
सूर्यास्त से 45 मिनट पहले से लेकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक के समय को प्रदोष काल कहा जाता है।- फोटो प्रतीकात्मक।

HighLights

  1. महीने में दो बार त्रयोदशी तिथि को आता है प्रदोष का व्रत।
  2. भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा करने का होता है विधान।
  3. प्रदोष का व्रत करने से पूरी हो जाती हैं सभी मनोकामनाएं।

शशांक शेखर बाजपेई, इंदौर। Pradosh Vrat Kab Hai: भगवान शिव और पार्वती की पूजा त्रयोदशी तिथि को की जाती है, जिसे प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है। एक महीने में प्रदोष दो बार आता है। सूर्यास्त से 45 मिनट पहले से लेकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक के समय को प्रदोष काल कहा जाता है। उसी समय में भोलेनाथ की पूजा की जाती है।

इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि भाद्रपद का दूसरा प्रदोष व्रत सोमवार 16 सितंबर के दिन है। सोमवार के दिन इस व्रत के होने की वजह से इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। त्रयोदशी तिथि 15 सितंबर को शाम 06:11 मिनट पर शुरू होगी और 16 अगस्त को दोपहर 3:09 मिनट पर समाप्त होगी।

इसलिए 16 सितंबर को ही सोम-प्रदोष व्रत रखना उचित होगा। भाद्रपद माह में आने वाले दूसरे प्रदोष व्रत के दिन दोपहर 11:40 तक सुकर्मा योग और 11:40 के बाद शूल योग है। इस दिन तैतिल और गरज करण के साथ ही धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र शाम 16:40 से रहेगा।

कब है आश्विन मास का पहला प्रदोष

पंडित गिरीश व्यास के अनुसार, अश्विनी मास का पहला प्रदोष व्रत 30 सितंबर को पड़ेगा। सोमवार के दिन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि होने की वजह से उसे भी सोम-प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

त्रयोदशी तिथि 29 सितंबर को शाम 04:47 बजे शुरू होगी और 30 सितंबर को शाम 07:06 बजे तक रहेगी। इसलिए, उदिया तिथि में प्रदोष का व्रत 30 सितंबर को ही रखा जाएगा।

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