उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 30 अप्रैल, 2025 को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे। इस बार उत्तराखंड सरकार ने यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए “ग्रीन चारधाम यात्रा” अभियान शुरू करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य यात्रा मार्गों को स्वच्छ और पर्यावरण संरक्षित रखना है।
पंजीकरण की व्यवस्था
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण 29 अप्रैल, 2025 से शुरू होगा। पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि इस बार पंजीकरण आधार प्रमाणीकरण के साथ अनिवार्य किया गया है। कुल पंजीकरण का 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन होगा। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए तीर्थयात्री registrationandtouristcare.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। यात्रा के शुरुआती 15 दिनों तक हरिद्वार, ऋषिकेश और यात्रा मार्गों पर पंजीकरण केंद्र 24 घंटे खुले रहेंगे, ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी समय सुविधा मिल सके। ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा उन यात्रियों के लिए है जो बिना पहले से पंजीकरण के यात्रा पर आते हैं, जिससे उन्हें परेशानी न हो।
तीर्थयात्रियों के लिए जरूरी सुझाव
यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने तीर्थयात्रियों के लिए कुछ जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- पंजीकरण के दौरान सही मोबाइल नंबर और स्वास्थ्य जानकारी दर्ज करें।
- ठंडे मौसम को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त ऊनी कपड़े, छाता और रेनकोट साथ रखें।
- वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी जाती है।
- यदि आप कोई दवा लेते हैं, तो पर्याप्त मात्रा में स्टॉक साथ रखें।
- हेलीकॉप्टर यात्रा के लिए टिकट केवल heliyatra.irctc.co.in से बुक करें।
- धामों पर दर्शन या अन्य सुविधाओं का दावा करने वाले अनधिकृत व्यक्तियों से सावधान रहें।
- यात्रा मार्गों पर गंदगी न फैलाएं और स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें।
- वाहनों की गति नियंत्रित रखें और उन्हें निर्धारित स्थानों पर ही पार्क करें।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
प्रदेश सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए कई व्यवस्थाएं की हैं। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा के दौरान ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल के माध्यम से तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य निगरानी की जाएगी। आपातकालीन स्थिति के लिए 154 एंबुलेंस, हेलिकॉप्टर और बोट एंबुलेंस तैनात रहेंगी। केदारनाथ में 17 बेड और बदरीनाथ में 45 बेड का अस्पताल संचालित होगा, जो तीर्थयात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा। इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर 25 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात रहेंगे, जो तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएंगे।
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इस बार का ग्रीन चारधाम अभियान यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर केंद्रित है। सरकार ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक का उपयोग कम करें और कूड़ा-कचरा निर्धारित स्थानों पर ही डालें। इसके लिए यात्रा मार्गों पर अतिरिक्त कूड़ेदान और स्वच्छता कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।
यात्रा की तैयारी
चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा से पहले मौसम और मार्ग की जानकारी प्राप्त कर लें। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम अचानक बदल सकता है, इसलिए उचित तैयारी आवश्यक है। साथ ही, यात्रा के दौरान विभिन्न पड़ावों पर विश्राम करते हुए आगे बढ़ें, ताकि शरीर ऊंचाई और जलवायु के अनुकूल हो सके।
चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता को भी दर्शाती है। सरकार और स्थानीय प्रशासन तीर्थयात्रियों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि यह यात्रा उनके लिए एक यादगार और आध्यात्मिक अनुभव बन सके।