12 March 2025
रुद्रपुर न्यूज़

मिस्र और इस्राइल को मिलेगी अमेरिकी सहायता, बाकी देशों को अनुदान देने पर ट्रंप प्रशासन ने लगाई रोक, कई देशों के लिए बढ़ा संकट

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एक व्यापक आदेश के जरिये केवल इजरायल और मिस्र को छोड़कर, यूक्रेन सहित सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी गई है। इस आदेश से सामान्य सहायता से लेकर सैन्य सहायता तक सब कुछ प्रभावित करेगा। इसमें केवल आपातकालीन खाद्य सहायता और इजरायल, मिस्र के लिए सैन्य मदद को छूट दी गई है। लीक हुआ नोटिस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सोमवार को जारी किए गए कार्यकारी आदेश के बाद आया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सहायता दाता है। इस काम के लिए वाशिंगटन ने 2023 में 68 बिलियन डॉलर खर्च किए थे। कर्मचारियों को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि जब तक प्रत्येक सहायता नई मदद या मदद बढ़ाने के फैसले की समीक्षा और स्वीकृति नहीं हो जाती, तब तक नई सहायता या मौजूदा मदद के विस्तार के लिए कोई नया फंड जारी नहीं किया जाएगा। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति के मुताबिक है, जिसमें विदेशों में सहायता पर बेहद सख्त रवैया अपनाया गया है।
मालूम हो कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो पहले कह चुके हैं कि अमेरिका को विदेशों में तभी खर्च करना चाहिए जब इससे अमेरिका मजबूत, सुरक्षित या अधिक समृद्ध होता हो। इस फैसले का सबसे बड़ा असर यूक्रेन पर पड़ेगा जिसे रूसी हमले का सामना करने के लिए अमेरिकी मदद की सख्त जरूरी है। कीव को ट्रंप के पूर्ववर्ती जो बाइडेन प्रशासन की तरफ से अरबों डॉलर के हथियार मिले थे। रूबियो के ज्ञापन में, इस रोक को उचित ठहराते हुए कहा गया है कि नए प्रशासन के लिए यह आकलन करना असंभव है कि मौजूदा विदेशी सहायता प्रतिबद्धताएँ ष्दोहराई नहीं गई हैं, प्रभावी हैं और राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप हैं।
सरकारी नोटिस के अनुसार, रूबियो ने आपातकालीन खाद्य सहायता आदेश में छूट दी। इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम शुरू होने के बाद गाजा पट्टी में मानवीय सहायता में वृद्धि और सूडान सहित दुनिया भर में कई अन्य भूख संकटों के बीच यह फैसला किया गया। इससे पहले जलवायु परिवर्तन मसले पर अमेरिका पेरिस समझौते से बाहर निकल चुका है। उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिए जाने वाले अनुदान को भी खत्म कर दिया है।
सहायता रोकने से कई देश प्रभावित होंगे। ऐसे देशों में वह देश भी शामिल हैं जहां की अर्थ, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति अमेरिका ने ही खराब की है। जैसे अफगानिस्तान और अरब तथा तथा तीसरी दुनिया के तमाम देश शामिल हैं।

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