उधम सिंह नगर (काशीपुर), 22 जून 2025 — पुलिस, नेपाली दूतावास और NGO ‘KIN इंडिया’ की संयुक्त कार्रवाई में चार महीने तक बंधक बनाए गए 32 नेपाली युवकों, जिनमें 3 नाबालिग लड़के, को एक मकान से मुक्त कराया गया।
🕵️♂️ मामला:
- गिरोह ने सोशल मीडिया पर नौकरी का झांसा देकर युवकों को नेपाल से भारत बुलाया। हर व्यक्ति से ₹10,000–₹30,000 वसूले गए।
- उन्हें काशीपुर (ओम विहार कॉलोनी) स्थित महाराज सिंह उर्फ “पप्पू” के घर में बंद रखा गया और “Lead Vision Trading India Pvt Ltd.” के उत्पाद बेचने के लिए बाध्य किया गया।
- जो नकारते, उनका मारपीट, गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी दी जाती थी।
👮♂️ आरोपित एवं कानूनी कार्रवाई:
- पकड़े गए तीन आरोपी:
- बीरेंद्र शाही (21, नेपाल)
- सचिन कुमार (उत्तर प्रदेश, गाजीपुर)
- मनीष तिवारी (रुद्रपुर निवासी)
- इनके खिलाफ Indian Penal Code की धारा 127(4), 318(4), 317(2), 3(5) और Juvenile Justice Act के तहत FIR दर्ज की गई और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
- आरोपियों ने स्वीकार किया कि यह गिरोह दिल्ली (जनकपुरी) स्थित “Lead Vision Trading India Pvt Ltd” से जुड़ा था, और पैसे कंपनी खाते में जाते थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कंपनी के निदेशक चेतन हांडा व अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
🧭 बचाव अभियान & आगे की कार्यवाही:
- इस बचाव के बाद नेपाली दूतावास ने युवकों को कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद नेपाल वापसी के लिए प्रक्रियाएँ शुरू कर दी हैं।
- अन्य 35 नेपाली नागरिकों को इसी गिरोह ने बंधक बनाए जाने के संभावित मामलों की जांच जारी है, जिनका पता लगाने हेतु छापेमारी और बचाव अभियान की नई योजना चल रही है।
- इस पूरे मामला को मानव तस्करी, जबरन बंदी, और बच्चों का शोषण माना जा रहा है। राज्य सरकार पीड़ितों के पुनर्वास और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है।
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यह घटना अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी और जबरन मज़दूरी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता है। पुलिस, दूतावास, NGO और स्थानीय प्रशासन की समन्वित कार्रवाई ने इस गिरोह को बेनकाब किया।