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गूगल पर प्रतिस्पर्धा मानकों के उल्लंघन पर यूरोपीय आयोग की तरफ से लगाए गए 2.4 अरब यूरो के जुर्माने के आदेश को ऊपरी अदालत ने बरकरार रखा। इंटरनेट पर सर्च के दौरान अपने खरीद सुझावों को प्रतिद्वंद्वियों पर अवैध बढ़त देने के मामले में यूरोपीय संघ की निचली अदालत ने गूगल पर 2.4 अरब यूरो का भारी जुर्माना लगाया था।
लंदन । दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल पर प्रतिस्पर्धा मानकों के उल्लंघन पर यूरोपीय आयोग की तरफ से लगाए गए 2.4 अरब यूरो के जुर्माने के आदेश को ऊपरी अदालत ने मंगलवार को बरकरार रखा। इंटरनेट पर सर्च के दौरान अपने खरीद सुझावों को प्रतिद्वंद्वियों पर अवैध बढ़त देने के मामले में यूरोपीय संघ की निचली अदालत ने गूगल पर 2.4 अरब यूरो (2.7 अरब डॉलर) का भारी जुर्माना लगाया था। इस फैसले के खिलाफ गूगल ने यूरोपीय संघ के ‘कोर्ट ऑफ जस्टिस’ में अपील की थी। लेकिन अमेरिकी कंपनी को वहां से भी कोई राहत नहीं मिली।
न्यायालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इस अपील को ‘कोर्ट ऑफ जस्टिस’ खारिज करता है और सामान्य अदालत के फैसले को बरकरार रखता है।’’ वर्ष 2017 में प्रतिस्पर्धा आयोग के मूल फैसले में गूगल पर प्रतिस्पर्धियों के नुकसान के लिए उपयोगकर्ताओं को अपनी खुद की गूगल शॉपिंग सेवा पर गलत तरीके से निर्देशित करने का आरोप लगाया गया था। इस निर्णय पर गूगल ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘हम न्यायालय के इस फैसले से निराश हैं। यह फैसला तथ्यों के एक बहुत ही विशिष्ट समूह से संबंधित है।’’
प्रौद्योगिकी कंपनी ने कहा कि उसने 2017 में यूरोपीय आयोग के निर्णय का अनुपालन करने के लिए कई बदलाव किए थे। इस दौरान शॉपिंग सर्च लिस्टिंग के लिए उसने नीलामी करनी भी शुरू कर दी। गूगल ने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण सात वर्षों से अधिक समय से सफलतापूर्वक काम कर रहा है, जिससे 800 से अधिक तुलनात्मक शॉपिंग सेवाओं के लिए अरबों क्लिक उत्पन्न हुए हैं।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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