यूएस नगर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर रविवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भव्य पथ संचलन निकाला गया। ग्राम भूरारानी स्थित अमर इंटरनेशनल स्कूल के सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का शुभारंभ जिला शासकीय अधिवक्ता एवं आरएसएस के सहकार्यवाह बरीत सिंह और कार्यक्रम अध्यक्ष 94 वर्षीय वयोवृद्ध स्वयंसेवक सुंदरलाल चोटमुरादा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथि बरीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष 1925 में डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित किया गया था। नाममात्र स्वयंसेवकों से शुरू हुआ यह संगठन आज विश्वभर में करोड़ों स्वयंसेवकों के साथ एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य “राष्ट्र प्रथम” है और स्वयंसेवक सदैव राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने बताया कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने शताब्दी वर्ष के अवसर पर चार प्रमुख संकल्प — परिवार प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता — का उल्लेख किया है। इनके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताना चाहिए, समाज में स्वच्छता और सद्भाव बनाए रखना चाहिए, पर्यावरण संतुलन हेतु प्रयास करने चाहिए और एक-दूसरे के सुख-दुख में सहभागी बनकर मजबूत राष्ट्र के निर्माण में योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वयोवृद्ध स्वयंसेवक सुंदरलाल चोटमुरादा ने कहा कि कई दशक बीत जाने के बाद भी संघ अपने राष्ट्रभक्ति और सेवा भाव के सिद्धांतों पर अडिग है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे आरएसएस के आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र के उत्थान में सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर भारत भूषण चुघ, सुरेश गांधी, काशीराम छाबड़ा, उदयभान कालड़ा, देवेंद्र अरोड़ा, मिथिलेश, सुखदेव कुमार, जीएस तिवारी, गुलशन चावला, बंटी कटारिया, पारस चुघ, चंदर चुघ, भावना जोशी, अंजू यादव, पूजा श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
जिले के अन्य स्थानों, जैसे सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज और महालक्ष्मी एंक्लेव में भी पथ संचलन आयोजित किया गया, जिसमें संघ के इतिहास, उद्देश्यों और राष्ट्रसेवा की विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया।