पंतनगर: इसे लापरवाही कहें या मनमानी, गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने छात्रा का प्रवेश निरस्त कर दिया। इससे मायूस छात्रा हो गई। उसके पिता प्रवेश निरस्त न करने की गुहार लगाते रहे। छात्रा बोली कि मेरी सीट दे दो, मगर विवि के अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा।
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बिहार के पटना जिले के ग्राम न्यू हर्नी चक अनीशाबाद निवासी छात्रा निहारिका, पुत्री पूरन शंकर सिंह ने पंत विवि के कृषि महाविद्यालय में बीएससी कृषि ऑनर्स की पढ़ाई की थी। इस वर्ष उसे कृषि एक्सटेंशन एजुकेशन प्रोग्राम में एमएससी प्रथम वर्ष में आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी (EWS) में दाखिला मिला। छात्रा ने 2 अगस्त को फीस जमा कर दी और 4 अगस्त को काउंसलिंग में हिस्सा भी लिया।
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लेकिन 8 अगस्त को विवि के परीक्षा नियंत्रक की ओर से मेल आया कि EWS श्रेणी का लाभ सिर्फ उत्तराखंड के छात्रों के लिए है, बाहरी राज्यों के लिए नहीं। गलती से प्रवेश दे दिया गया था। यह पढ़कर छात्रा और उसके पिता हैरान रह गए।
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छात्रा अपने पिता के साथ विवि पहुंची और प्रवेश निरस्त न करने का आग्रह किया। उन्होंने तर्क दिया कि जब नियम ऐसा था तो विज्ञापन में उल्लेख क्यों नहीं किया गया। विवि की नियमावली में भी ईडब्ल्यूएस सब-श्रेणी का जिक्र नहीं है। निहारिका ने कहा कि इसमें मेरी कोई गलती नहीं थी।
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निहारिका का आरोप है कि विवि प्रशासन ने पिछले 10 दिन तक गुमराह किया कि स्पॉट काउंसलिंग में प्रवेश मिल जाएगा। इस उम्मीद में वह रुकी रही और अन्य संस्थानों की काउंसलिंग छोड़ दी। अब पूरा साल बर्बाद हो गया।
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छात्रा के पिता ने कहा कि विवि की लापरवाही से उनकी बेटी का भविष्य अंधकार में चला गया है। उन्होंने कहा कि अब प्रवेश निरस्त हो चुका है और वह 6 सितंबर को घर लौट जाएगी।