पहले हेलिकॉप्टर केदारनाथ से बदरीनाथ धाम जाने के लिए पोखरी क्षेत्र से होते हुए जोशीमठ और बदरीनाथ पहुंचते थे, लेकिन अब वे रुद्रनाथ के ऊपर से उड़ान भर रहे हैं, जिससे हवाई दूरी कम हो गई है।
🔗 हाल की पोस्ट पढ़ें:
➡ रुद्रपुर जिला अस्पताल में हादसा: निर्माणाधीन भवन से गिरे मजदूर की हालत गंभीर, ठेकेदारों पर उठे सवाल➡ रुद्रपुर: छात्र संघ चुनाव के नामांकन के दौरान हवाई फायरिंग, छात्रों में दहशत➡ तेज हवा में गिरा मेघनाद का पुतला, रावण और कुंभकर्ण को सुरक्षित किया गयारुद्रनाथ क्षेत्र में नियम-कानूनों को नजरअंदाज कर हेलिकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं। कई हेलिकॉप्टर मंदिर के ठीक ऊपर से गुजर रहे हैं। हर पांच मिनट में हेलिकॉप्टरों की उड़ान से वन्यजीवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
रुद्रनाथ मंदिर क्षेत्र केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के संरक्षित क्षेत्र में स्थित है। यहां से हेलिकॉप्टर तीर्थयात्रियों को केदारनाथ में दर्शन कराने के बाद बदरीनाथ धाम ले जाते हैं। कई हेलिकॉप्टर रुद्रनाथ मंदिर के ऊपर से होकर गुजर रहे हैं।
पर्यावरण कार्यकर्ता देवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पहले हेलिकॉप्टर केदारनाथ से बदरीनाथ जाने के लिए पोखरी क्षेत्र से जोशीमठ और बदरीनाथ पहुंचते थे, लेकिन अब रुद्रनाथ के ऊपर से उड़ान भर रहे हैं, जिससे कम दूरी तय करनी पड़ती है। यह संरक्षित क्षेत्र है, जहां कस्तूरी मृग, घुरड़, चीते, भालू जैसे वन्यजीव रहते हैं। हेलिकॉप्टरों के शोर से वन्यजीव आबादी वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं।
सगर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता सतेंद्र रावत का कहना है कि रुद्रनाथ क्षेत्र में हेलिकॉप्टर मंदिर और बुग्यालों से बेहद करीब उड़ान भर रहे हैं। हेली कंपनियों के लिए उड़ान के मानक तय किए जाने चाहिए। इस बारे में पूछे जाने पर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ तरुण एस ने कहा कि उड़ानों के संबंध में जानकारी जुटाई जाएगी।